उन्नीसवीं शताब्दी का अंतिम समय था। ठाकुरदास नामक एक वयोवृद्ध कोलकता में रहता था। उसके परिवार में केवल एक बच्चा और पत्नी थी। इस सीमित परिवार का भरण-पोषण भी ठीक प्रकार से न हो पाता। नियति ने उन्हें मेदिनीपुर जिले के एक गाँव में ला पटका। वहाँ ठाकुरदास को दो रुपये महावार की नौकरी मिली। कालाँतर में उनका देहाँत हो गया। पत्नी के कंधों पर सारे परिवार का दायित्व आया। इसी तरह कई वर्ष बीत ग...
डॉक्टर सर टामस रो ने बादशाह शाहजहाँ की लड़की का इलाज किया और इसके प्रत्युपकार में शाहजहाँ ने मनचाहा इनाम माँगने के लिए कहा। सर टाँमर रो ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ न माँगकर इंग्लैंड से आने वाले माल पर से चुंगी हटाने की माँग की, जो स्वीकार कर ली गई। इससे इनाम माँगने वाले का व्यक्तिगत लाभ तो कुछ न हुआ, पर उनके देश से बिना चुंगी चुकाए वह माल भारत में सस्ता बिकने लगा, उससे उनके देश का...
ओहियो के जंगल में गारफील्ड की विधवा माता रहती थी। लकड़ी काट कर गाँवों में बेचने जाती, तो लड़के को झोपड़ी में बंद करके लगा जाती, ताकि जंगल के भेड़िये उसे खा न जाये। राज को माँ उसे दुलार करती और कुछ पढ़ाती॥ बड़ा होकर माँ-बेटे ने एक खच्चर ले लिया और लकड़ियाँ सिर पर ढोने की अपेक्षा उसी पर लाद कर ले जाने लगे। गारफील्ड को पढ़ने भी पढ़ाई भी पढ़ने लगा और ज्ञानवर्धक साहित्य भी। युवा होते-होते ब...
वर्नार्डशा के एक डॉक्टर मित्र थे। वे अक्सर बीमार रहते थे। शा न कहलवा भेजा कभी आप फुरसत में हों तो मेरा मुआइना कर जायें। डॉक्टर तुरन्त दौड़े आये। पर सीढ़ियों पर चढ़ते-चढ़ते हाँफ गये। शा ने उन्हें आराम-कुर्सी दी और एक गिलास पानी पिलाया। कहा- देखा आपने मैं उम्र में आपसे कितना बड़ा हूँ और इन्हीं सीढ़ियों पर दिन में तीन बार चढ़ता उतरता हूँ। कभी हाँफता नहीं आप कहें तो वह नुस्खा आपको भी बत...
न्यूयार्क के एक प्रसिद्ध मेयर लागाडिया को जो सुप्रबन्ध के लिए प्रसिद्ध थे− पुलिस अदालत के मुकदमों में बड़ी रुचि थी। इसलिए वे अकसर पुलिस के मुकदमों की अध्यक्षता स्वयं किया करते थे। एक दिन पुलिस ने एक चोर पर मुकदमा चलाया कि उसने एक रोटी चुराई है। मेयर ने निर्णय सुनाया, “चूँकि अपराधी ने चोरी की है इसलिए उस पर दस डालर अर्थदण्ड किया जाता है” और तुरन्त उसने अपनी जेब से दस डालर निकाल कर...
रूस के उक्रेन प्रान्त के प्रीलुका गाँव में एक तंनेबर का घर। पिता स्वयं ताँबे के बर्तनों को बनाने का काम करते थे। अतः इच्छा थी कि पुत्र बड़ा होकर औद्योगिक रसायनविद् बने। साधन तो अधिक थे नहीं। तभी घर की कन्या बीमार पड़ी। डिप्थीरिया ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। मृत्यु का ग्रास बनी बहिन को देखकर भाई का अन्तःकरण पीड़ा से सिहर उठा। कल तक दोनों साथ खेलते, खाते, विनोद करते थ...
दो सहोदर भ्राता। पर स्वभाव में जमीन आसमान का अन्तर। बड़ा भाई धार्मिक विचारों के प्रति निष्ठावान् और दूसरा दुर्व्यसनों का दास। दोनों ही एक मुनि के पास पहुँचे। मुनि थे भूत और भविष्य की जानकारी रखने वाले। मुनि को प्रणाम कर पास से बिछे आसन पर बैठ गये। मुनि ने आशीर्वाद दिया और बताया कि एक माह बाद बड़े भाई को फाँसी की सजा मिलेगी और छोटे भाई को राज सिंहासन। यह तो दोनों ही जानते थे कि मुनि...
लोग इस बात का ताना-बाना बुनते रहते हैं कि किस तरह जिया जाना चाहिए, यह पर कोई बिरले ही सोचते हैं कि क्यों जीना चाहिए ? जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट होना चाहिए। लक्ष्य विहीन जिन्दगी हवा में उड़ते हुए पत्तों की तरह दिशा विहीन इधर-उधर छितराती रहेगी और उसका न तो कुछ प्रतिफल निकलेगा और न स्वाद मिलेगा। ठाठ-बाठ के साधनों से अथवा अभाव ग्रस्त परिस्थितियों में रहने से जीवन तत्व के मूल्...
शिवाजी उन दिनों मुगलों के विरुद्ध छापा मार युद्ध लड़ रहे थे। रात को थके माँदे वे एक वनवासी बुढ़िया की झोंपड़ी में जा पहुँचे और कुछ खाने-पीने की याचना करने लगे। बुढ़िया के घर में कोंदों थी सो उसने प्रेमपूर्वक भात पकाया और पत्तल पर उसके सामने परस दिया। शिवाजी बहुत भूखे थे। सो सपाटे से भात खाने की आतुरता में उंगलियां जला बैठे और तुम्हें मुंह से फूँककर जलन शान्त करने लगे। बुढ़िया ने आ...
प्लाइमाउथ की एक महिला डा. सैमुअल जान्सन के शब्दकोश के पृष्ठ पलट रही थी। उसकी दृष्टि तक परिभाषा पर अटक गई। उसे लगा कि यह परिभाषा गलत है पर इतने बड़े साहित्यकार के सम्बन्ध में एकदम ऐसा निर्णय करना उचित न था। परिभाषा के शब्दों को उसने कई बार ध्यान से पढ़ा और समझने का प्रयास किया अब वह इस निश्चय पर पहुँच चुकी थी कि जानसन की परिभाषा बिल्कुल गलत है। उसकी प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। एक विद्व...
उन्नीसवीं शताब्दी का अंतिम समय था। ठाकुरदास नामक एक वयोवृद्ध कोलकता में रहता था। उसके परिवार में केवल एक बच्चा और पत्नी थी। इस सीमित परिवार का भरण-पोषण भी ठीक प्रकार से न हो पाता। नियति ने उन्हें मेदिनीपुर जिले के एक गाँव में ला पटका। वहाँ ठाकुरदास को दो रुपये महावार की नौकरी मिली। कालाँतर में उनका देहाँत हो गया। पत्नी के कंधों पर सारे परिवार का दायित्व आया। इसी तरह कई वर्ष बीत ग...
डॉक्टर सर टामस रो ने बादशाह शाहजहाँ की लड़की का इलाज किया और इसके प्रत्युपकार में शाहजहाँ ने मनचाहा इनाम माँगने के लिए कहा। सर टाँमर रो ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ न माँगकर इंग्लैंड से आने वाले माल पर से चुंगी हटाने की माँग की, जो स्वीकार कर ली गई। इससे इनाम माँगने वाले का व्यक्तिगत लाभ तो कुछ न हुआ, पर उनके देश से बिना चुंगी चुकाए वह माल भारत में सस्ता बिकने लगा, उससे उनके देश का...
ओहियो के जंगल में गारफील्ड की विधवा माता रहती थी। लकड़ी काट कर गाँवों में बेचने जाती, तो लड़के को झोपड़ी में बंद करके लगा जाती, ताकि जंगल के भेड़िये उसे खा न जाये। राज को माँ उसे दुलार करती और कुछ पढ़ाती॥ बड़ा होकर माँ-बेटे ने एक खच्चर ले लिया और लकड़ियाँ सिर पर ढोने की अपेक्षा उसी पर लाद कर ले जाने लगे। गारफील्ड को पढ़ने भी पढ़ाई भी पढ़ने लगा और ज्ञानवर्धक साहित्य भी। युवा होते-होते ब...
वर्नार्डशा के एक डॉक्टर मित्र थे। वे अक्सर बीमार रहते थे। शा न कहलवा भेजा कभी आप फुरसत में हों तो मेरा मुआइना कर जायें। डॉक्टर तुरन्त दौड़े आये। पर सीढ़ियों पर चढ़ते-चढ़ते हाँफ गये। शा ने उन्हें आराम-कुर्सी दी और एक गिलास पानी पिलाया। कहा- देखा आपने मैं उम्र में आपसे कितना बड़ा हूँ और इन्हीं सीढ़ियों पर दिन में तीन बार चढ़ता उतरता हूँ। कभी हाँफता नहीं आप कहें तो वह नुस्खा आपको भी बत...
न्यूयार्क के एक प्रसिद्ध मेयर लागाडिया को जो सुप्रबन्ध के लिए प्रसिद्ध थे− पुलिस अदालत के मुकदमों में बड़ी रुचि थी। इसलिए वे अकसर पुलिस के मुकदमों की अध्यक्षता स्वयं किया करते थे। एक दिन पुलिस ने एक चोर पर मुकदमा चलाया कि उसने एक रोटी चुराई है। मेयर ने निर्णय सुनाया, “चूँकि अपराधी ने चोरी की है इसलिए उस पर दस डालर अर्थदण्ड किया जाता है” और तुरन्त उसने अपनी जेब से दस डालर निकाल कर...
रूस के उक्रेन प्रान्त के प्रीलुका गाँव में एक तंनेबर का घर। पिता स्वयं ताँबे के बर्तनों को बनाने का काम करते थे। अतः इच्छा थी कि पुत्र बड़ा होकर औद्योगिक रसायनविद् बने। साधन तो अधिक थे नहीं। तभी घर की कन्या बीमार पड़ी। डिप्थीरिया ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। मृत्यु का ग्रास बनी बहिन को देखकर भाई का अन्तःकरण पीड़ा से सिहर उठा। कल तक दोनों साथ खेलते, खाते, विनोद करते थ...
दो सहोदर भ्राता। पर स्वभाव में जमीन आसमान का अन्तर। बड़ा भाई धार्मिक विचारों के प्रति निष्ठावान् और दूसरा दुर्व्यसनों का दास। दोनों ही एक मुनि के पास पहुँचे। मुनि थे भूत और भविष्य की जानकारी रखने वाले। मुनि को प्रणाम कर पास से बिछे आसन पर बैठ गये। मुनि ने आशीर्वाद दिया और बताया कि एक माह बाद बड़े भाई को फाँसी की सजा मिलेगी और छोटे भाई को राज सिंहासन। यह तो दोनों ही जानते थे कि मुनि...
लोग इस बात का ताना-बाना बुनते रहते हैं कि किस तरह जिया जाना चाहिए, यह पर कोई बिरले ही सोचते हैं कि क्यों जीना चाहिए ? जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट होना चाहिए। लक्ष्य विहीन जिन्दगी हवा में उड़ते हुए पत्तों की तरह दिशा विहीन इधर-उधर छितराती रहेगी और उसका न तो कुछ प्रतिफल निकलेगा और न स्वाद मिलेगा। ठाठ-बाठ के साधनों से अथवा अभाव ग्रस्त परिस्थितियों में रहने से जीवन तत्व के मूल्...
शिवाजी उन दिनों मुगलों के विरुद्ध छापा मार युद्ध लड़ रहे थे। रात को थके माँदे वे एक वनवासी बुढ़िया की झोंपड़ी में जा पहुँचे और कुछ खाने-पीने की याचना करने लगे। बुढ़िया के घर में कोंदों थी सो उसने प्रेमपूर्वक भात पकाया और पत्तल पर उसके सामने परस दिया। शिवाजी बहुत भूखे थे। सो सपाटे से भात खाने की आतुरता में उंगलियां जला बैठे और तुम्हें मुंह से फूँककर जलन शान्त करने लगे। बुढ़िया ने आ...
प्लाइमाउथ की एक महिला डा. सैमुअल जान्सन के शब्दकोश के पृष्ठ पलट रही थी। उसकी दृष्टि तक परिभाषा पर अटक गई। उसे लगा कि यह परिभाषा गलत है पर इतने बड़े साहित्यकार के सम्बन्ध में एकदम ऐसा निर्णय करना उचित न था। परिभाषा के शब्दों को उसने कई बार ध्यान से पढ़ा और समझने का प्रयास किया अब वह इस निश्चय पर पहुँच चुकी थी कि जानसन की परिभाषा बिल्कुल गलत है। उसकी प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। एक विद्व...